रमज़ान का मुक़द्दस महीना चल रहा है, और हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि वह ज्यादा से ज्यादा नेक अमल करे और भरपूर सवाब कमाए। यह महीना इबादत, रहमत और मग़फिरत का है, जिसमें हर छोटी से छोटी नेकी भी बड़े अज्र का सबब बनती है। इस आर्टिकल में हम आपको क़ुरान और हदीस का हवाला दे कर 8 बेहतरीन नेकियों के बारे में बताएंगे(8 Things You Must Do In Ramadan), जिन्हें आप Ramadan 2025 में अपना सकते हैं और इस पाक महीने का भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
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8 Best Things To Do In Ramadan 2025 | List In Hindi |
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Things You Must Do In Ramadan- रमज़ान में करने को ये 8 काम
रमज़ान में रोज़ा रखने, इबादत करने और क़ुरान पढ़ने के अलावा करने को हज़ारो अच्छे अमल हैं, लेकिन आज हम उन 8 चीज़ों के बारे में बताएँगे जो क़ुरान और हदीस से साबित हैं जिसे हमारे नबी करते और करने का हुक्म देते जिसे आपको इस रमजान में करना ही चाहिए।
- क़ियामुल लैल
- क़ुरान को पढ़े और समझे
- ज़्यादा से ज़्यादा दुआ और मगफिरत
- ज़कात और सदक़ा
- ज़बान और नफ़्स को काबू में रखना
- रमज़ान की आखरी दस रातें(शब ए क़द्र)
- रमज़ान के बाद अच्छी आदतों को बरक़रार रखें
- एतिकाफ
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यह है रमज़ान में करने के लिए 8 Best Things, अब जानते हैं एक-एक को बारी-बारी से।
1. क़ियामुल लैल- Best Thing To Do In Ramadan
क़ियामुल लैल का शाब्दिक अर्थ है 'रात के दौरान खड़े रहना', यानी रात में खड़े होकर इबादत करना, खासतौर पर नमाज़ अदा करना। यह इबादत इशा और फज्र के बीच की जाती है और इसका बड़ा अज्र है। रमज़ान में इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है, क्योंकि इस दौरान किए गए नेक अमल का सवाब कई गुना बढ़ा दिया जाता है। हालांकि, यह सिर्फ रमज़ान तक ही सीमित नहीं है— बल्कि आम दिनों में भी क़ियामुल लैल का एहतिमाम करना अल्लाह की खास रहमत और बरकत हासिल करने का बेहतरीन जरिया है।
अल्लाह क़ुरान के सूरह इसरा के आयत 79 में फरमाते हैं
وَمِنَ الَّيۡلِ فَتَهَجَّدۡ بِهٖ نَافِلَةً لَّكَ ۖعَسٰۤى اَنۡ يَّبۡعَـثَكَ رَبُّكَ مَقَامًا مَّحۡمُوۡدًا
तथा आप रात के कुछ समय में उठकर नमाज़ (तहज्जुद) पढ़िए। यह आपके लिए अतिरिक्त है। क़रीब है कि आपका पालनहार आपको "मक़ामे महमूद" पर खड़ा करे।
और अल्लाह के रसूल फरमाते हैं कि
फर्ज़ नमाज़ों के बाद सबसे अफ़ज़ल नमाज़ रात की नमाज़ (तहज्जुद) है।— सहीह मुस्लिम 1163
तो हमें चाहिए की हम रात की नमाज़ यानि तहज्जुद के पाबंद बने ख़ास कर रमज़ान में।
2. क़ुरान को पढ़े और समझे - Ramadan Best Practices
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क़ुरान पढ़े और समझे |
क़ुरान पढ़ना रमजान में किये जाने वाले बेहतरीन कामों में से एक है, लेकिन क़ुरान का मक़सद सिर्फ उसे पढ़ना नहीं है बल्कि समझना है। इस मुक़द्दस महीने में कोई भी अच्छी आदत अगर इंसान लगाना चाहे तो आसानी से लगा सकता है ऐसे में हर दिन क़ुरान को पढ़ना और समझना Best thing to do in Ramadan है।
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3. ज़्यादा से ज़्यादा दुआ और मग़फिरत
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दुआ और मग़फिरत |
रमज़ान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँगने, दुआएँ कबूल होने और अपनी रूह को पाक और सुकून से भरने का सबसे बेहतरीन वक्त है। इस महीने में अल्लाह की रहमतें बरसती हैं, शैतान जंजीरों में जकड़ा होता है, और अल्लाह अपने बंदों की सच्ची तौबा को कबूल करता है। यही वह मौका है जब इंसान अपने दिल से तौबा करके जन्नत की राह पर चल सकता है।
रमज़ान की हर रात और हर दिन में अल्लाह अपने बंदों को जहन्नम से आज़ाद करता है और दुआओं को कुबूल करता है। यह वह महीना है जब अल्लाह अपने बंदों को अपने करीब बुलाता है, उन्हें गुनाहों से तौबा करने का मौका देता है और दिलों को ईमान की रोशनी से भर देता है। इस महीने में हर नेक अमल का सवाब कई गुना बढ़ जाता है और बंदा अपने रब से वह सब कुछ माँग सकता है जो उसके दिल में हो।
4. ज़कात और सदक़ा- Best Good Deeds To Do In Ramadan
रमज़ान दयालुता और बरकतों का महीना है, जहाँ अल्लाह के रास्ते में दिया गया हर नेकी का काम कई गुना बढ़ जाता है। अगर आप पर ज़कात वाजिब है, तो इसे जरूर अदा करें क्योंकि यह आपके माल को पाक करता है और ज़रूरतमंदों की मदद करता है।
ज़कात के अलावा, सदक़ा (दान) देकर गरीबों, यतीमों और परेशान लोगों की मदद करें। यहाँ तक कि छोटी-छोटी नेकी के काम—जैसे किसी रोज़ेदार को इफ़्तार करवाना, पड़ोसी की मदद करना या किसी से मुस्कुरा कर बात करना—भी अल्लाह की नजर में बहुत बड़ा इनाम रखते हैं।
इसलिए इस मौके को न गँवाएँ और ज्यादा से ज्यादा नेकी करें ताकि अल्लाह की रहमत और बरकत मिले। और हाँ रमजान में यह best thing to do है।
5. ज़बान और नफ़्स को काबू में रखनाह- Things You Must Do
रोज़ा सिर्फ खाने-पीने से दूर रहने का नाम नहीं है, बल्कि अपनी बातों, कामों और नीयत को भी काबू में रखने का तरीका है। एक सच्चे रोज़ेदार को झूठ, ग़ीबत (चुगली), झगड़ा, बुरी बातें और किसी भी ग़लत काम से बचना चाहिए जो उसके रोज़े को नुकसान पहुँचा सकता है।
नबी ﷺ ने फ़रमाया: "अगर कोई झूठ बोलना और बुरे काम करना न छोड़े, तो अल्लाह को इसकी कोई जरूरत नहीं कि वह खाना और पानी छोड़ दे।" (बुख़ारी 1903)
इसलिए अपने रोज़े की हिफ़ाज़त करें और सिर्फ अच्छी बातें बोलें। अगर कोई आपसे झगड़ने की कोशिश करे, तो शांति से कहें, "मैं रोज़े से हूँ" और बहस से बचें। याद रखें, सिर्फ भूखा-प्यासा रहना रोज़ा नहीं, बल्कि अपनी ज़ुबान, दिल और सोच को भी पाक रखना असली रोज़ा है।
6. रमजान की आखरी दस रातें—मग़फिरत की रात
रमज़ान का पूरा महीना मुक़द्दस और बरकतों से भरा हुआ है, लेकिन इसमें सबसे ज़्यादा मुबारक रात लैलतुल क़द्र है, जो हज़ार महीनों से बेहतर है। यह रात रमज़ान के आख़िरी दस रातों में से किसी एक में होती है, और यही वह रात है जिसमें क़ुरआन करीम नाज़िल किया गया।
इस खास रात में फ़रिश्ते और जिब्राईल (अलैहिस्सलाम) अल्लाह की इजाज़त से ज़मीन पर उतरते हैं, रहमत और बरकत लेकर आते हैं। यह वह रात है जिसमें अल्लाह अपने बंदों की दुआएँ क़बूल करता है, गुनाह माफ़ करता है और नेकियों का अज्र कई गुना बढ़ा देता है।(Surah Qadr 1-5 )
हमें चाहिए कि इस रात का एक लम्हा भी ज़ाया न करें। ज्यादा से ज्यादा इबादत करें, नमाज़ पढ़ें, क़ुरआन की तिलावत करें, अल्लाह से मग़फिरत (माफी) और रहमत की दुआ करें। यही वह सुनहरी मौका है जब हमें अपने गुनाहों की माफी मांगकर जन्नत की तरफ बढ़ना चाहिए।
7. एतिकाफ
इतिहाफ़ रमजान के आखरी दस दिनों में किया जाता है, यह हमारे नबी की सुन्नत है और यह Best Thing To Do In Ramadan है। अबू हरैरा ने बयान की रसूल (ﷺ) हर रमजान की आखरी दस दिन इतिकाफ ककिया करते थे। (बुखारी 2044).
8. रमजान के बाद अच्छी आदतों को बरक़रार रखें-
रमज़ान को अपनी ज़िन्दगी बदलने का ज़रिया बनाएँ, न कि सिर्फ एक महीने की इबादत समझें। इस पाक महीने में जो सब्र, self-control और अल्लाह से करीबी हमने हासिल की है, उसे रमज़ान के बाद भी जारी रखना चाहिए। असली कामयाबी यही है कि हम रमज़ान की नेकी को पूरी ज़िन्दगी में शामिल करें।
रमज़ान के बाद भी नफ़्ल (अतिरिक्त) रोज़े रखें, खासकर शव्वाल के छह रोज़े, जिनका बहुत बड़ा सवाब है। इसके अलावा सोमवार और गुरुवार के रोज़े भी रख सकते हैं, जो सुन्नत हैं और अल्लाह के करीब ले जाते हैं। पाँचों वक्त की नमाज़ पाबंदी से पढ़ते रहें, और कोशिश करें कि तहमज्जुद व नफ़्ल नमाज़ों को भी अपनी आदत बनाएं।
इसी तरह क़ुरआन की तिलावत और उस पर गौर व फिक्र करना, दुआ माँगना, और अल्लाह का ज़िक्र करना सिर्फ रमज़ान तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाएँ। सदक़ा (दान) देकर ज़रूरतमंदों की मदद करना और समाज में भलाई फैलाना भी जारी रखें।
रमज़ान हमें नई शुरुआत करने और अपनी रूह को पाक करने का मौका देता है। इसकी असली कामयाबी यही है कि हम इस महीने की सीख को पूरे साल अपनाएँ, अपनी इबादत में पक्के रहें, अच्छे अख़लाक़ (व्यवहार) को अपनाएँ और अल्लाह से अपने रिश्ते को मजबूत करें।
Summary on Best Thing To Do In Ramadan
रमज़ान बरकतों, इबादत और मग़फिरत का महीना है, जिसमें हर मुसलमान को अधिक से अधिक नेक अमल करने की कोशिश करनी चाहिए। इस लेख में 8 बेहतरीन कामों(Best things to do in Ramadan) का ज़िक्र किया गया है, जो क़ुरआन और हदीस से साबित हैं और जिन्हें हर मुसलमान को अपनाना चाहिए।
- क़ियामुल लैल (रात की नमाज़) – रात में इबादत करने की सुन्नत, खासकर रमज़ान में इसका बड़ा अज्र है।
- क़ुरआन पढ़ना और समझना – सिर्फ तिलावत ही नहीं, बल्कि क़ुरआन की तालीम पर अमल करना भी जरूरी है।
- दुआ और मग़फिरत की तलब – रमज़ान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँगने और दुआएँ कबूल होने का सबसे बेहतरीन वक्त है।
- ज़कात और सदक़ा – ज़रूरतमंदों की मदद करके अपने माल को पाक करें, क्योंकि रमज़ान में किया गया सदक़ा सबसे बेहतर है।
- ज़ुबान और आमाल पर क़ाबू – रोज़ा सिर्फ खाने-पीने से नहीं, बल्कि बुरी बातों, ग़ीबत और झगड़े से बचने का भी नाम है।
- लैलतुल क़द्र की तलाश – यह हज़ार महीनों से बेहतर रात है, जिसमें अधिक से अधिक इबादत करनी चाहिए।
- रमज़ान के बाद भी अच्छी आदतें बरकरार रखना – रमज़ान के बाद भी इबादत, रोज़े और सदक़ा जारी रखें।
- एतिकाफ़ – रमज़ान के आखिरी दस दिनों में मस्जिद में रहकर इबादत करना नबी की सुन्नत है।
रमज़ान को सिर्फ एक महीने तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी ज़िंदगी को सुधारने और अल्लाह के करीब जाने का ज़रिया बनाएं। इन "Best Things to Do in Ramadan" को अपनाकर आप इस पाक महीने का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
Endnote by Author
यह था मेरे अनुसार रमज़ान में करने के लिए 8 Best Thing इन सब के अलावा तरावीह क़ुरान और हदीस की दर्स भी रमज़ान में करना चाहिए।
great
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteThank
ReplyDeleteThanks for sharing best things to do in Ramadan
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